पेनड्राइव क्या है और कैसे काम करता है?
दोस्तों पेन ड्राइव का नाम तो आप सभी ने सुना ही होगा। बहुत सारे ऐसे लोग इनके पेनड्राइव का इस्तेमाल भी बहुत बार कर चुके होंगे और करते होंगे लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें आज भी पेन ड्राइव का सही यूज नहीं पता तो आज के इस ब्लॉग में हम आपको पेन ड्राइव क्या है और इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं या यह कैसे काम करता है इस बारे में पूरी जानकारी देना चाहते हैं उम्मीद है कि आपको यह बात बहुत ही अच्छी तरीके से इस ब्लॉग को पढ़ने के बाद समझ में आ जाएगी। इस लिए इस लेख को अच्छे से पढ़े।
Pen Drive अर्थात USB flash drive का, जो हमारे कार्य हो आसान बनाने में मदद करता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की ये pen drive होता क्या है और काम कैसे करता है?
बहुत से लोग जानते होंगे की पेन ड्राइव का यूज़ डेटा जैसे कि फोटो, डॉक्यूमेंट इत्यादि को सेव करने के लिए करते हैं, परन्तु यह पूरी जानकारी नहीं है। इस लेख को पढ़कर आप जान जाएंगे कि पेनड्राइव क्या है और कैसे काम करता है।
Pen Drive क्या होता है?
पेन ड्राइव एक तरह का हार्डवेयर है जिसे हम देख, छू और महसूस कर सकते हैं। यह हमारे रोजमर्रा में काम आने वाला एक पोर्टेबल डिवाइस है जिसे कहीं भी अपने पॉकेट में रख कर ले जा सकते हैं और जरुरत पड़ने पर किसी भी कंप्यूटर या लैपटॉप में लगा कर अपना काम कर सकते हैं।
Pen Drive को हिंदी में ‘सुवाह्य संग्राहक’ अर्थात स्मृतीशलाक़ा कहते हैं। इसका उपयोग हम डेटा को सेव करने या बैकअप लेने के लिए करते हैं, जैसे पिक्चर, वीडियो, डॉक्यूमेंट, files इत्यादि। इसी के साथ आप किसी भी प्रोग्राम (सॉफ्टवेयर) को डायरेक्ट पेन ड्राइव के अंदर इंस्टॉल भी कर सकते हैं।
हालाँकि आज के समय में बहुत सारे क्लाउड स्टोरेज जैसे कि DigiBox, अमेज़न ड्राइव, गूगल ड्राइव, Microsoft OneDrive, ड्रॉपबॉक्स इत्यादि उपलब्ध हैं, जिसका इस्तेमाल करके आप अपने पर्सनल डेटा को अपलोड कर सकते हैं।
परन्तु इन क्लाउड स्टोरेज को एक्सेस करने के लिए इंटरनेट कनेक्शन का होना अनिवार्य है। वहीं दूसरी ओर पेन ड्राइव को काम में लेने के लिए इंटरनेट की कोई जरुरत नहीं पड़ती।
पेन ड्राइव कैसे काम करता है?
अगर आप कंप्यूटर का थोड़ा बहुत भी नॉलेज रखते हैं तो आपको ASCII के बारे में पता होगा। नहीं जानते हैं, तो हम बता दे कि ये एक प्रकार का अक्षर संकेतीकरण (करैक्टर एन्कोडिंग) है, जो दो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के बीच डेटा को पढ़ने, समझने और स्टोर करने में मदद करता है।
यह सूचना को स्थापित करता है जिसे 0 और 1 कि भाषा में प्रोग्राम किया गया है। USB Flash drive इसी का इस्तेमाल करते हुए और data को save करता है।
डेटा स्टोरेज के लिए 8 माइक्रो ट्रांजिस्टर को लगाया जाता है जिसे टेक्निकल भाषा में स्विच कहते है जिसे 1 और 0 से प्रदर्शित किया जाता है। यहाँ आपको बता दे कि स्विच ऑन होने पर 1 होता है और जब यह ऑफ होता है तो जीरो हो जाता है।
0 और 1 के फॉर्मेट में स्टोर डेटा को कंप्यूटर प्रोसेस करके उसे उसके वास्तविक रूप में दिखता है।
USB फ़्लैश ड्राइव और नार्मल ट्रांजिस्टर में काफी अंतर आते है। साधारण ट्रांजिस्टर में तीन प्रकार के दरवाजे (गेट) रहते है। सबसे पहले सोर्स (मूल) दरवाजा होता है जो इलेक्ट्रिकल करंट को अंदर तक आने देता है।
दूसरा ड्रेन अर्थात निकासी गेट होता है जो करंट को बहार भेज देता है और तीसरा कण्ट्रोल गेट होता है जो करंट के फ्लो को निर्धारित (एक प्रकार से नियंत्रित) करता है।
जब साधारण ट्रांजिस्टर को करंट दिया जाता है तो सोर्स नामक गेट खुल जाता है और 1 के रूप में स्विच ऑन हो जाता है, उस समय करंट अपने उच्च स्तर पर होता है। जैसे ही करंट आना बंद होता है वैसे ही यह गेट बंद हो जाता है और जीरो के रूप में स्विच ऑफ हो जाता है और सारा डेटा ख़तम हो जाता है।
लेकिन पेन ड्राइव में मॉस्फेट नमक ट्रांजिस्टर लगे होते हैं जिनका क्रियाविधि (mechanism) पूरी तरह से अलग होता है। USB flash drive में सिर्फ 2 प्रकार के दरवाजे होते हैं, पहला कंट्रोल गेट और दूसरा फ्लोटिंग गेट (तैरता हुआ दरवाजा)। हालाँकि इसमें भी सोर्स और ड्रेन होते हैं।
जब पेन ड्राइव को PC या लैपटॉप में लगाया जाता है तो स्विच ऑन हो जाता है और सोर्स से करंट फ्लो करता हुआ ड्रेन तक जाता है, पर कुछ इलेक्ट्रान 1 के फॉर्म में फ्लोटिंग दरवाजे के ऊपर जा बैठते है और वही आपका डेटा होता है।
अब आप कंप्यूटर से पेनड्राइव निकाल भी लेते है तो वह डाटा स्टोर रहता है। जब आप कंप्यूटर से डिलीट का कमांड देते हैं तब PC नेगेटिव वोल्टेज को भेजता है और फ्लोटिंग गेट के ऊपर स्टोर इलेक्ट्रान को 0 कर देता है और वह स्विच ऑफ हो जाता है और इस प्रकार USB flash ड्राइव में उपस्थित सब कुछ डिलीट होता है।
OTG पेनड्राइव
OTG पेन ड्राइव वह होता है जो सीधा आपके स्मार्टफोन से कनेक्ट हो जाता है। अगर आप स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए OTG pendrive बेहतर विकल्प रहेगा क्योंकि इसकी सहायता से किसी भी फाइल को फ़ोन से या फ़ोन में ट्रांसफर किया जा सकता है।
मेमोरी फुल हो जाने पर चलते फिरते कहीं भी इसे लगा कर मोबाइल को खाली कर सकते हैं इसी वजह से इसे USB On-The-Go कहा जाता है, जो कि OTG का full form है।
इस प्रकार के पेन ड्राइव को dual USB फ़्लैश drive कहते है जिसमे एक तरफ micro-USB होता है (जो फ़ोन से अटैच होगा) और दूसरी छोर पर USB 2.0 या 3.0 कंप्यूटर के लिए होता है। स्मार्टफोन में लगने वाले flash drive को type-B के नाम से भी जाना जाता है।
इसके अलावा मोबाइल में लगने वाले OTG पेन ड्राइव, type-C और iPhone साइज़ में ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत थोड़ी अधिक होती है।
दोस्तों उम्मीद है कि आपको पेन ड्राइव का इस्तेमाल और पेन ड्राइव क्या है इस बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी।
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